एक टेढे स्वास्तिक की कहानी
हमारी संस्कृति का शुभ प्रतीक चिन्ह #एक_टेढ़े_स्वास्तिक_की_कहानी #हिटलर_का_सेनापति ....मेरी लिस्ट में मौजूद,.. एक "मित्र",.. ने एक जिज्ञासू (??) के तौर पर,.. एक बार मुझसे पूछा था.. कि,.. "अगर हिन्दू धर्म इतना विशाल था,.. कई हिन्दू राजाओं का अधिकार,.. पूरी पृथ्वी पर था,.. ऐसा ग्रंथों में बताया जाता है,..!! लेकिन भारत से बाहर,. कहीं इनके निशान नहीं हैं। क्या हिन्दू लोग,.. यही सिर्फ भारतीय उपप्रायदीप को ही पूरी पृथ्वी मान लेते थे??... असल बात ये है कि,.. ये सब हिन्दुओं के कोरे गप्प हैं।" (आज इनको भी ये पोस्ट पढनी चाहिए) ******** ....कल शाम मैं अपने मेन गेट पर, LED से बना हुआ स्वास्तिक लगाया,. और अन्दर आ गया। रात भर वो चमकता रहा और,.. आज सुबह ही एक "आपिये मित्र" आये और,.. कटाक्ष मारे,...."शुकुल जी, कट्टरता के बारे में सोचते सोचते,..अब आप हिटलर के ही फैन हो गए??" मुझे समझ ना आया,.. तो उन्होंने बाहर ले जा के दिखाया,.. स्वास्तिक की लाइट "45 deg" अपनी धुरी पर,.. घूम गई थी, और.. ....अब ये नाजी सेना के चिन्ह जैसी लग रही थी। (वैसे,.. LED का स्वस्त...