Posts

एक टेढे स्वास्तिक की कहानी

 हमारी संस्कृति का शुभ प्रतीक चिन्ह #एक_टेढ़े_स्वास्तिक_की_कहानी #हिटलर_का_सेनापति ....मेरी लिस्ट में मौजूद,.. एक "मित्र",.. ने एक जिज्ञासू (??) के तौर पर,.. एक बार मुझसे पूछा था.. कि,.. "अगर हिन्दू धर्म इतना विशाल था,.. कई हिन्दू राजाओं का अधिकार,.. पूरी पृथ्वी पर था,.. ऐसा ग्रंथों में बताया जाता है,..!! लेकिन भारत से बाहर,. कहीं इनके निशान नहीं हैं। क्या हिन्दू लोग,.. यही सिर्फ भारतीय उपप्रायदीप को ही पूरी पृथ्वी मान लेते थे??... असल बात ये है कि,.. ये सब हिन्दुओं के कोरे गप्प हैं।" (आज इनको भी ये पोस्ट पढनी चाहिए) ******** ....कल शाम मैं अपने मेन गेट पर, LED से बना हुआ स्वास्तिक लगाया,. और अन्दर आ गया। रात भर वो चमकता रहा और,.. आज सुबह ही एक "आपिये मित्र" आये और,.. कटाक्ष मारे,...."शुकुल जी, कट्टरता के बारे में सोचते सोचते,..अब आप हिटलर के ही फैन हो गए??" मुझे समझ ना आया,.. तो उन्होंने बाहर ले जा के दिखाया,.. स्वास्तिक की लाइट "45 deg" अपनी धुरी पर,.. घूम गई थी, और.. ....अब ये नाजी सेना के चिन्ह जैसी लग रही थी।  (वैसे,.. LED का स्वस्त...

आकस्मिक मौत

 तकरीबन 10 दिनो पहले कीं बात है हमारे साथ कार्य करने वाले एक दोस्त के बड़े भाई ने फांसी लगाकर जान दे दिया  मुझें आश्चर्य यह हुआ की इतना पढ़ा लिखा इंन्सान जो खुद़ एक शिक्षक था वह फाँसी कैसे लगा सकता है कितना भी भुलाने की कोशिश करता लेकिन दिमाग से यह बात बाहर ही नहीं निकल पा रहा था  तकरीबन एक सप्ताह तक मैं यही सो रहा था की कैसे कोई फाँसी लगा सकता है। लोग तरह-तरह के बाते करने लगे थे  मुझें बहुत बुरा लग रहा था और समय के अभाव में लिख नहीं पा रहा था सच कहूँ तो बात दिमाग में बैठ गया था कोई ऐसे कैसे कर सकता है लोग भी तरह तरह की बाते कर रहे थे।  आकस्मिक मौत सुनने के बाद व्यक्ति पीड़ा से पहले बेचैनी से घिर जाता है, कारण बहुत साधारण है और वो है एक असुरक्षा का भाव का अंदर घर कर जाना । बड़े बड़े सुपरस्टार, बिज़्नेसमैन और नेता जिनके पास खुद के जीवन को सुरक्षित रखने के तमाम संसाधन उपलब्ध रहते है, उनकी अकाल मृत्यु एक साधारण व्यक्ति को एक ऐसे आईने के सामने ढकेल देती है जिसमें वो खुद को देखने से भी डरने लगता है । सामाजिक संरचना ऐसी है इस समाज कि शंकित प्राणी अपने बारे में उतना व्...

हिंदुत्व

 हिन्दुत्व महान सनातन धर्म का वरदान है, हिन्दुत्व सत्य अहिंसा दया धर्म का अभियान है, हिन्दुत्व वेद पुराण आगम निगम त्रिपिटक ज्ञान है, हिन्दुत्व ॐकार मंत्र,त्रिदेवों का नाम, भगवान राम है, हिन्दुत्व सिर्फ गुणधर्म नहीं धर्मक्षेत्र का अनुसंधान है! हिन्दुत्व में शस्त्र-शास्त्र की शक्ति बसती, हिन्दुत्व है ईश्वर की स्तुति और है देशभक्ति, हिन्दुत्व में शरणागत को अभयदान देने की रीति, हिन्दुत्व को समझो कि ये प्राण प्रतिष्ठित बुतपरस्ती, हिन्दुत्व में राम कृष्ण बुद्ध जैन दस गुरुओं की हस्ती! हिन्दुत्व यज्ञ जप तप योग ध्यान है, हिन्दुत्व विश्व के सभी धर्मों का प्रतिमान है, हिन्दुत्व समस्त मानवीय दिव्य गुणों का खान है, हिन्दुत्व हिंद की आन बान शान मानवता की पहचान है, हिन्दुत्व पूजा है, अराधना है, साधना है, दैविक अनुष्ठान है! हिन्दुत्व में धार्मिक सहिष्णुता की वास है, हिन्दुत्व में क्रूरता बर्बरता पर नहीं विश्वास है, हिन्दुत्व के होने से समस्त सद्गुणों का विकास है, हिन्दुत्व में हिंसा द्वेष भाव का तनिक नहीं आभास है, हिन्दुत्व हरि कीर्तन भजन सत्संग सुमिरन व अरदास है! #जय_हिंदुत्व⛳ #जय_श्रीराम🙏⛳ #जय_...

क्षण

 ❤ कम बरसों में कितने अधिक क्षण हैं  जिनमें मिला जा सकता है  छुआ जा सकता है किसी प्रिय की आत्मा को   बिछड़ा जा सकता है  जैसे गंध खोती है दिसंबर की गुलाबी हवा में  मैं जो कांपता हुआ उगता हूँ किसी दरख़्त पर  शाम तक किसी का कहानी हो जाता हूँ  या फिर माटी की  यह ख्याल पुराना पड़ता जाता है कि बहुत दिन गुज़ारे जा सकते हैं सिर्फ एक ही ऋतू में  बहुत पहरों तक अपने मौन से आलाप हो सकता है  सोचता हूँ , कैसा होता है  नींद में कोई नाम पुकार लेना मैं कोलाहल से निकल कर चुप में गिर पड़ता हूँ  लम्बे दिनों की यात्रा में पास बैठा राहगीर पूछता है  कैसे ठीक होता है रूँधा कंठ  मैं हंसता हूँ  कहता हूँ - बहुत बार लम्बी यात्रा में लौट आता है स्वाद की स्मृति  लौट आता है सुख  बहुत बार नए दुःख का चेहरा पुराने दुखों से मिलने लगता है  अक्सर पानी अपनी जगह दोहराने लगता है। #संदीप_यदुवंशी  https://sk4635686.blogspot.com/?m=1

काशी विश्वनाथ कॉरीडोर

 “काशी विश्वनाथ कॉरीडर" का विस्तारीकरण एक स्वागतयोग्य उद्यम है । जो लोग कहते हैं कि एक से दो सहस्र वर्ष पुराने कुछ मन्दिर तोड़े गये — उनको इस प्रश्न का उत्तर देना चाहिये कि १९५ करोड़ वर्ष पुराने विश्वनाथ मन्दिर का रास्ता बाधित करने की छूट उन कलियुगी मन्दिरों के धन्धेबाजों को किसने दी थी?  एनक्रोचमेण्ट दो वर्ष पुराना हो अथवा दो सहस्र वर्ष पुराना,एनक्रोचमेण्ट तो एनक्रोचमेण्ट ही कहलायेगा । काशी “विश्वनाथ” की है अथवा एनक्रोचमेण्ट वालों की? नरेन्द्र मोदी के एक अप्रचारित गुप्त कार्य का उल्लेख मीडिया नहीं करती । काशी विश्वनाथ के नवीन गेट नम्बर−४ को VIP गेट बना दिया गया है — जो ज्ञानवापी मस्जिद नाम से विख्यात असली प्राचीन विश्वनाथ मन्दिर के पिछवाड़े से गुजरती है । औरंगजेब ने उस मन्दिर को मस्जिद का रूप तो दे दिया किन्तु मन्दिर का पिछवाड़ा पुराना ही रह गया,जो शत−प्रतिशत हिन्दू मन्दिर वाला है । ज्ञानवापी “मस्जिद” के गर्भगृह में अभीतक पुजारी द्वारा नियमित पूजन बन्द नहीं कराया जा सका है । श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर के प्रमाण हेतु खुदाई करनी पड़ी,परन्तु ज्ञानवापी मन्दिर का पिछवाड़ा बिना खुदाई के ही स...

आख़िरी सफ़र

 आख़िरी सफ़र पर जाने से पहले इतनी तो मोहलत मिलनी चाहिए जाने वाले को कि वो कह सके अलविदा और सुकून से रवाना हो सफर के लिए इतनी तो रहमत मिलनी चाहिए पीछे रह जाने वालों को कि वो खुद को दिलासा दे सकें- जो चला गया वो नहीं लौटेगा और मशगूल हो जाएं अपने रोज़गार में बिना विदा लिए जाने वाले यूँ तो नहीं लौटते कभी मग़र सच ये है कि वे जाकर भी जाते नहीं  वे रह जाते हैं दरवाजे पर होने वाली आहटों में रास्ते के उस मोड़ पर जहाँ से वे जाते हुए पलटकर देखा करते थे वे रह जाते हैं दिलों की कसक में कि काश! इतना सा वक्त मिल गया होता...। स्नेहिल शुभ संध्या नमस्कार हरे कृष्ण🙏 https://sk4635686.blogspot.com/?m=1 #संदीप_यदुवंशी

भोजपुरी सम्राट

 पद्मश्री पुरस्कार और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित शारदा सिन्हाजी ने आज तक नहीं कहा की मेरी वज़ह से भोजपूरी को पहचान मिली लेकिन ये पूदीना और नेनूया लहसुन गाने वाले बोल रहे है मेरी वज़ह से भोजपूरी को पहचान मिला  अच्छे अच्छो का घमंड टूटा है तुम कौन सी खेत की मुली हो  खैर  पद्मश्री से अलंकृत एवं बिहार में लोक नाट्य परंपरा के जनक श्री भिखारी ठाकुर जी की जयंती पर उन्हें नमन करता हूं। वे भोजपुरी के समर्थ लोक कलाकार, रंगकर्मी व लोक जागरण के संदेश वाहक होने के साथ ही लोक गीत एवं भजन कीर्तन के अनन्य साधक भी थे। #BhikhariThakur #bhojpuri  #संदीप_यदुवंशी https://sk4635686.blogspot.com/?m=1