तजुर्बे

 अब मैं..

तजुर्बे के मुताबिक़,,,खुद को ढाल लेता हूं,,!

कोई प्यार जताए तो,,,जेब संभाल लेता हूं,,,!!


नहीं करता थप्पड़ के बाद,,,दूसरा गाल आगे,,!

खंजर खींचे कोई,,, तो तलवार निकाल लेता हूं,,,!!


वक़्त था सांप की,,,परछाई डरा देती थी,,!

अब एक आध मै,,,आस्तीन में पाल लेता हूं,,!!


मुझे फासने की,,,कहीं साजिश तो नहीं,,!

हर मुस्कान ठीक से,,,जांच पड़ताल लेता हूं,,,!!


बहुत जला चुका उंगलियां,, मैं पराई आग में,,!

अब कोई झगड़े में बुलाए,, तो मै टाल देता हूं,,,!!


सहेज के रखा था दिल,,,,जब शीशे का था,,!

पत्थर का हो चुका अब,,, मजे से उछाल लेता हूं......!!!

#संदीप_यदुवंशी 

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