पद्मश्री 2021

 #मेरा_अभीमान_मेरा_प्रधानमंत्री💪

नंगे पैर, अधनंगे बदन....

राष्ट्रपति भवन की दहलीज....

ताज्जुब है ना....


संतरे बेचने वाले हरकेला हबजा पद्मश्री पाते हैं।

उन्होंने बच्चों को पढ़ाने के लिए निशुल्क विद्यालय खोलने का काम किया। वह नंगे पांव राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री का पुरस्कार लेने के लिए आते हैं। सवाल यह नहीं है कि उन्हें पुरस्कार उनके काम के लिए मिला....!

प्रश्न यह है कि उनके काम को किसी ने देखा...! प्रधानमंत्री के आवास के भीतर रहने वाले व्यक्ति ने सुदूर कर्नाटक में जनसेवा का काम करने वाले शिक्षा की अलख जगाने वाले हरकेला हबजा को पद्मश्री के लिए नामित किया......


दूसरी तस्वीर तुलसी गोवडा की है.... शरीर को ढकने के लिए वस्त्र नहीं है लेकिन राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री का पुरस्कार पाने के लिए पहुंच रही हैं। पर्यावरण के लिए काम किया है। 30,000 से ज्यादा वृक्षों को लगाया है। लेकिन उनके काम को मान्यता देने का काम एक चाय बेचने वाले ने किया है जो चाय बेचते बेचते प्रधानमंत्री आवास तक पहुंच गया है।


जब जनता के बीच के लोग सत्ता के गलियारों में 

बैठेंगे तो जनता के बीच में काम करने वाले लोगों के कामों को मान्यता दी जाएगी और उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। लेकिन इस प्रोत्साहन से उनको तकलीफ होना जायज है... जिन्होंने इन सब पर कब्जा कर रखा था। पूरी व्यवस्था पर जिनका कब्जा था। जहां पद्मश्री पुरुस्कार अखबारों और न्यूज चैनल के दफ्तरों में बैठकर ऐसे लोगों को बांटा जाता था जो ऐसे पद्मश्री के नाम पर अपनी दुकानदारी चलाते थे। 


वर्तमान भारत की इन तस्वीरों को देखकर लग रहा है वाकई मेरा देश बदल रहा है.....गर्व की अनुभूति हो रही है।

मुझे गर्व है मेरे प्रधानमंत्री पर 

#PadmaAwards 

#PadmaShri 


जय श्रीराम।।

#संदीप_यदुवंशी 

https://sk4635686.blogspot.com/?m=1

Comments

Popular posts from this blog

आख़िरी सफ़र

भोजपुरी सम्राट

क्षण