हमारे नायक

 अपना नायक राम में कृष्ण में देखने का एक बार अभ्यास डाल लें , जीवन में कभी नायक बदलने की इच्छा ही नहीं जगेगी । 


मैत्रेयी विदुला गार्गी कुंती द्रौपदी में आदर्श ढूँढ़ लें या लक्ष्मीबाई दुर्गावती अहिल्याबाई होल्कर पद्मिनी इत्यादि में भी तो कभी भी आप लाल बिंदी फ़ेमिनिस्टों के झाँसे में नहीं आएँगीं । 


एक बार समर्थनात्मक बुद्धि से रामकथा और भागवत का श्रवण कर लें , जीवन में कभी भटकन का अनुभव फिर नहीं होगा ।


सत्तर वर्ष लगे हैं बॉलीवुड के मायाजाल से निकलने में और आप स्वंयम अनुभव करिए की “ क क क किरन जैसे हकलो “ से मुक्त होकर कितना सुखद जीवन हो चुका है । 


अब सोशल मीडिया पर कोई दही हांडी पर ज्ञान देने नहीं आता क्योंकि बचपन में ही “ टीम वर्क “ का इससे अच्छा उदाहरण हो ही नहीं सकता ।


जय श्री कृष्ण⛳🙏

#संदीप_यदुवंशी

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