विश्वकर्मा पूजा
विश्वकर्मा पूजा कीं हार्दिक शुभकामनाएँ!
अब चलते हैं फ़्लैशबैक......
यानी कीं हमारे बचपन का विश्वकर्मा पूजा के समय....
सुबह-सुबह उठ कर सबसे पहले अपने साइकिल को नल पर लेकर जातें थें और एक घण्टा तक उसके रीग को सरेस पेपर से रगड़ रगड़ कर जंग को छोड़ाते थें ।
उसके बाद एक चिक शैम्पू से साइकिल के इसपोक से लेकर घंटी तक को चमका देते थें अपने पसीने पसीने हो जातें थें
लेकिन घर के सब लोहा-लक्कङ को पोछ-पाछ के ललका चंदन लगा देते थें
परसादी के लिए पहले से ही बतासा लाकर रखते थे
बतासा चढ़ाकर अगरबत्ती जला देते थें
और परसादी को घुमकर कर बाँट देते थें
हमारे लिए विश्वकर्मा पूजा का ईहे मतलब था ।
यें सब करने जो ख़ुशी मिलती थी उसका मैं वर्णन नहीं कर सकता हूँ।❤
#संदीप_यदुवंशी
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