मंदिर _में दान
पिछले साल का पोस्ट.......
मन्दिर......
में भगवान के सामने पैसे फेकना गलत हैं.....!!
अक्सर हमने बहुत बार देखा हैं कि लोग मन्दिर में अपनी जेब से एक,दो,पाँच या दस का सिक्का या कितने का भी नोट निकालकर भगवान के सामने फेकते हैं फिर हाथ जोड़कर प्रणाम करते हैं और मनोकामना भगवान से माँगते हैं ।
कैसी मूर्खता है,यह लोगों कीं.......!
कोई आपके सामने पैसे फेककर चला जायें तो क्या आपको अच्छा लगेगा ???.....नहीं लगेगा,
आप उस व्यक्ति को बुलाकर कहोगे....
भिखारी समझा हैं क्या???
तो सोचिए भगवान को कैसी फीलिंग आती होगी जब कोई उनके सामने पैसे फेकता हैं ???
अब कोई कहे कि भैया पत्थर कि मूर्ति में कैसी फीलिंग.....
तो उसका मन्दिर जाना बेकार हैं....।।
लोग 10 रूपये चढाकर 10 करोड़ कि कामना करते हैं ।
भगवान के सामने शर्त रखते हैं कि हें भगवान ! मेरे बेटे कि नौकरी लगा दे मैं मंदिर में भंडारा करवाऊंगा ।
मेरा यें संकट टाल दो, मैं इतने रूपये दान करूंगा । पहले कुछ नहीं करेंगे काम होंने के बाद हीं करेंगे ।
हें भगवान ! मेरे ये काम हो जाये मैं आपको मानना शूरू कर दूँगा ।
क्यों भाई,भगवान को क्या जरूरत पङी है कि वो तुम्हें अपने होने का प्रमाण दें।
ऐसे लोभी लालची व्यक्तियों को समझाना चाहिए कि उसे तुम क्या दे दोगे जो सम्पूर्ण विश्व को पाल रहा है।
"दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया"
भगवान को आपका पैसा नहीं चाहिए उन्हें सिर्फ आपकी सच्ची भावना और प्रेम चाहिए ।
देव स्थान पर जब भी उनके सामने जाये तो अपने पद,पैसे,ज्ञान का अहंकार त्यागकर दीन हीन बनकर जायें क्योकि आप के पास जो भी है यह सब उन्हीं का दिया हुआ है।
तो यदि आपको दान करना ही है तो ऐसा न करके आप दानपात्र में कल्याण कार्यार्थ यथाशक्ति दान राशि डाल दें
और उसने कुछ भी याचना न करें.....
याचना करके आप उनके अंतर्यामी, सर्वज्ञ, होने पर प्रश्न उठते हो...
वे आपकी जरूरत,भाव,क्षमताओं को भली भांति जानते हैं।
तेरा दर ढूँढते ढूँढते जिन्दगी कीं शाम हो गयी ।
और तेरा दर मिला तों जिन्दगी हीं तेरे नाम हो गई !!
हर_हर_महादेव 🙏⛳
#संदीप_यदुवंशी
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