रिश्तों का नया अर्थ खोज चूका है आज कल के नौजवानों ने
राखी के दिन कीं एक पोस्ट.....
राहुल के पिता जी का देहांत हो गया था घर में एक माँ और एक छोटी बहन थीं लेकिन अचानक उसके बहन की तबियत खराब हो जाती हैं...
राहुल कीं बहन बीमार पड़ गयी उसने आनन-फानन में नज़दीक के अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा।
अस्पताल पहुँचते ही राहुल ने अस्पताल के बेड पर उनकी फोटो खींची और फेसबुक पर Sister ill admitted to hospital स्टेटस के साथ अपलोड कर दी।
फेसबुकिया यारों ने भी ‘Like’ मार-मार कर अपनी ‘ड्यूटी’ पूरी कर दी।
राहुल भी अपने मोबाइल पर बहन की हालत ‘Update’ करता रहा।
बहन व्याकुल आँखों से अपने ‘व्यस्त’ भाई से बात करने को तरसते रही…!
आज राहुल ने देखा कि बहन की हालत कुछ ज्यादा ख़राब है….!
पुराना वक्त होता तो…बहन भागती हुयीं डाक्टर को गुहार लगाती…
…पर…उसने झट से ‘बदहवास’ बहन की एक-दो फोटो और खींच कर…
‘Condition critical’ के स्टेटस के साथ अपलोड कर दी…फेसबुकिया यारों ने हर बार की तरह इस बार भी अपनी ज़िम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभा दी।
दो-चार घनिष्ठ मित्रों ने बेहद मार्मिक कमेंट कर अपने संवेदनशील होने का प्रमाण दिया।
‘वाह! इनकी आँख का आँसू भी साफ दिख रहा है।’
‘फोटो मोबाइल या कैमरे से लिया है?’
तभी नर्स आई – ‘आप ने पेशेंट को दवाई दी?’
‘दवाई?’
बिगड़ी हालत देख, नर्स ने घंटी बजाई
‘इन्हें एमरजेंसी में ले जा रहे हैं!’
थोड़ी देर में ‘भाई’ लिखता है –
‘बहन चल बसी!
सॉरी…नो फोटो…
मेरे बहन का अभी-अभी देहांत हो गया!
ICU में फोटो खींचनी अलाउड नहीं थी….’
कुछ कमेंट्स आए –
‘ओह, आखरी वक्त में आप फोटो भी नहीं खींच पाए!’
‘अस्पताल को अंतिम समय पर यादगार के लिए फोटो खींचने देना चाहिए था!’
‘RIP’
‘RIP’
‘अंतिम विदाई की फोटो जरूर अपलोड करना’
बहन चली गए थीं…
वो खुश था….
इतने ‘लाइक’ और ‘कामेंट्स’ उसे पहले कभी नहीं आए थे….
कुछ खास रिश्तेदार अस्पताल आ गए थे…कुछ एक ने उसे गले लगाया…
गले लगते हुए भी भाई मोबाइल पर कुछ लिख रहा था।
भाई कितना कर्त्तव्यनिष्ठ था!
बहन जाने के समय भी…. सबको
‘थैंक्स टू ऑल’ लिख रहा था…!
रिश्ते अपना नया अर्थ खोज चुके थे !
#संदीप_यदुवंशी
https://sk4635686.blogspot.com/?m=1
Comments
Post a Comment