नेताजी के पीछे युवाओं का भविष्य अंधकार में
इस बार ग्राम पंचायत चुनाव में मैं गाँव ही था कुछ नौजवान साथियों को देखकर बहुत ही अजीब लगा..... उत्तर प्रदेश में एक नया दौर बड़ी तेजी से चला है। पहले नेता जी के साथ 35+ उम्र वाले लोग पूल, पुलिया, नाला, प्रधानी, बीडीसी व सदस्य आदि थाना में हनक के लिये घूमते थे और परिवार का गुजारा करते थे। लेकिन अब हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट में पढ़ने वाले नाबालिग बच्चे नेता जी के साथ घूमने वाले लोगो के पीछे हैं और अंधकार में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। रेस्टोरेंट का नास्ता, स्कॉर्पियो की सीट और जगह जगह दुग्गी क्रिकेट का उद्दघाटन इन बच्चों को सपनो की रंगीन दुनिया मे पहुँचा दे रहा। ऊपर से चार ज़गह बैनर लगने और पेपर में छप जाने का सुख तो जैसे इनके लिए प्रसिद्धि का अंतिम पायदान है। नेता जी के पीछे घूमने वाले लोग वो हैं जिनकी जिंदगी ऐसी स्थिति में आ चुकी है कि चाह कर भी वे न नेता से आगे निकल सकते हैं न ही कोई धंधा पानी रोजगार करके दो पैसा अपने एवं परिवार के लिए कमा सकते है। लेकिन इन लोगो ने इन बच्चों की जो जिंदगी बिगाड़ी है वो कभी नही सुधर सकती। जिस उम्र में इन नालायको को अपने कैरियर भविष्य पर ध्यान...