#social_media
#Social_media कहीं न कही हम सब भ्रम की दुनिया में जी रहे हैं एक ऐसा भ्रम जिस का टूटना तय है एक ऐसा भ्रम जो अब सिर्फ एक भ्रम नहीं रहा हमारा दिनचर्या का एक हिस्सा बन चुका है हां जी हम बात कर रहे हैं फेसबुक सोशल साइट की, थोड़ा अजीब है लेकिन यह सच है कि आज social media के वजह से हम अपनों से दूर होते चले जा रहे हैं। मैं अपनी बात करूं तो मेरे फेसबुक पर 4996 ,और 210 फॉलोअर, इंस्टाग्राम पर 334, व्हाट्सएप पर 350 लोग जुड़े हुए हैं लेकिन इतने लोगों के होने के बावजूद भी अपने अकेलापन दर्द को बांटने के लिए मेरे पास कोई भी है नहीं है , होगा भी क्यों हम एक ऐसी दुनिया में है जहां पर लोग हमारे डीपी से हमारे कैरेक्टर को डिफाइन करते हैं हमारे फेसबुक के पोस्ट से हमारे नेचर का पता चलता है और हमारे कमेंट से हमारे बिहेवियर का।।।। साहब जिन दोस्तों से सालों से बात नहीं हो रही है उन दोस्तों से ससुरा ये फेसबुक हमें मिलता तो जरूर है , लेकिन हमारे अपने वजूद के वजह से हमारे पास बात करने की कोई वजह नहीं बच पाती है। मैं लिख कर दे सकता हूं कि तुम लोग के साथ भी ऐसा हुआ होगा कि तुम्हारे साथ पढ़ने वाला दसवीं क्...